Sunday, 10 December 2017

ऑयल कंपनियों ने इजीटैप कंपनी और एचडीएफसी बैंक के साथ करार कर डिजिटल डिलीवरी कंफरमेशन योजना की शुरूआत की

समय से सिलेंडर न मिलने व एक उपभोक्ता का सिलेंडर दूसरे को देने की समस्या आज भी आम है। शिकायत पर एजेंसी संचालक भी डिलीवरी मैन के उपर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ लेते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा। रियल टाइम डिलीवरी के लिए डिलीवरी मैन को हैंडहेल्ड डिवाइस दी जाएगी।

ऑयल कंपनियों ने इजीटैप कंपनी और एचडीएफसी बैंक के साथ करार कर डिजिटल डिलीवरी कंफरमेशन योजना की शुरूआत की है। इस योजना के तहत डिलीवरी मैन को एक हैंडहेल्ड डिवाइस दी जाएगी। उपभोक्ताओं को सिलेंडर की आपूर्ति करते वक्त डिलीवरी मैन इस डिवाइस पर डिटेल अंकित करेंगे। डिटेल दर्ज होते ही उपभोक्ता के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा जिसे डिलीवरी मैन हैंडहेल्ड डिवाइस में पंच (दर्ज) करेगा। इसके बाद डिलीवरी प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी। यह प्रक्रिया ठीक उसी तरह से होगी जैसे ऑनलाइन शापिंग में खरीदे गए प्रोडक्ट की डिलीवरी पर डिलीवरी मैन करते हैं।
दिए जाएंगे एलपीजी स्मार्ट कार्ड
रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर न होने की स्थिति में उपभोक्ताओं को एलपीजी स्मार्ट कार्ड दिए जाएंगे। यह स्मार्ट कार्ड हैंडहेल्ड डिवाइस में स्वैप करते ही डिलीवरी कंफर्म हो जाएगी।
डिजिटल पेमेंट कर सकेंगे उपभोक्ता
हैंडहेल्ड डिवाइस में डिजिटल पेमेंट का भी विकल्प है। इसके जरिये उपभोक्ता कैश की जगह क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और एटीएम समेत अन्य माध्यमों से डिजिटल पेमेंट भी कर सकेंगे।
डिलीवरी मैन को दिए जाएंगे स्मार्ट फोन
दरअसल हैंडहेल्ड डिवाइस को स्मार्ट फोन से जोड़ा जाएगा। गैस वितरक संघ के पदाधिकारी बताते हैं कि जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं हैं, उन्हे उपलब्ध कराए जाएंगे। जीपीएस आधारित इस डिवाइस के आने से डिलीवरी मैन कहां, कब और किसे सिलेंडर आपूर्ति करेंगे, यह सब एजेंसी संचालकों की निगाह में होगा।
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साफ्टवेयर में स्वत: दर्ज होगी सूचना
डिलीवरी मैन हैंडहेल्ड डिवाइस में जो भी सूचना अपडेट करेंगे वह तत्काल आइओसी के साफ्टवेयर इंडसाफ्ट में दर्ज हो जाएगी। इसी तरह बीपीसी और एचपीसी के साफ्टवेयर में भी सूचनाएं अपडेट हो जाएगी।
कम हो जाएगा एजेंसी संचालकों का काम
अभी पूरे दिन सिलेंडरों की डिलीवरी के बाद शाम को कूपन के आधार पर प्रत्येक डिलीवरी मैन से मिला डाटा कर्मचारी कंप्यूटर पर दर्ज करते हैं जिसमे काफी वक्त लगता है। हैंडहेल्ड डिवाइस के बाद इस काम से मुक्ति मिल जाएगी क्योंकि तब डिलीवरी के वक्त ही डाटा अपडेट हो जाएगा।

किसका क्या है काम
इस योजना के तहत इजीटैप कंपनी एक हैंडहेल्ड डिवाइस से मिला उपभोक्ता का डाटा सहेजकर रखेगी और सिलेंडर लेनदेन की प्रक्रिया का संचालन करेगी। वहीं डिवाइस के जरिये हुए भुगतान की जिम्मेदारी बैंक देखेगा।

इन समस्याओं से मिलेगी निजात
-बुकिंग के तीन से चार दिन बाद भी डिलीवरी नहीं मिलती
-उपभोक्ता एजेंसी में शिकायत करते हैं तब पता चलता है उनके खाते का सिलेंडर भेज दिया गया
-एजेंसी संचालकों को डिलीवर्ड सिलेंडरों की पूरी जानकारी शाम को हो पाती है
-बल्क में प्रतिदिन होने वाली मैनुअल डाटा फीडिंग में अक्सर गलती होती
-डिलीवरी मैन अक्सर एक उपभोक्ता का सिलेंडर दूसरे को डिलीवर कर देते हैं
-अभी सब्सिडी खाते में पहुंचने में चार से पांच दिन लगते हैं

'इस प्रक्रिया के आने से डिलीवरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ जाएगी। यह उपभोक्ताओं और एजेंसी संचालकों के लिए काफी हद तक बेहतर साबित होगा। डिवाइस मिल गई है। नए वर्ष से इसकी शुरूआत हो जाएगी।'
अमित पांडेय, महामंत्री गैस वितरक संघ

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